Sunday, April 20, 2025
Home ताजा खबर उत्तराखण्ड की विधानसभा में यूसीसी विधेयक बहुमत से पारित

उत्तराखण्ड की विधानसभा में यूसीसी विधेयक बहुमत से पारित

यूसीसी विधेयक पूरे देश को राह दिखायेगा,आधी आबादी को बराबरी का हक मिलेगा-सीएम धामी

समान नागरिकता कानून बनाने वाला भाजपा शासित उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना

यूसीसी विधेयक में संविधान का उल्लंघन हुआ,कुछ भी नया नहीं-कांग्रेस

यूसीसी विधेयक पारित होने के बाद सीएम को मिली बधाई, आतिशबाजी हुई और बंटी मिठाई

देहरादून। उत्तराखण्ड की विधानसभा में कई घण्टे तक चली तक़रीर के बाद बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता UCC विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया। बिल पारित होते ही सदन जय श्री राम ,वंदे मातरम और भारतमाता की जय के नारों से गूंज उठा। सीएम धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता बिल पेश किया था। बुधवार की सांय सदन में विधेयक पारित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़े व आतिशबाजी व मिठाई बांट कर खुशी जताई। उत्तराखण्ड यूसीसी विधेयक बनाने वाला पहला राज्य बन गया। विधेयक पारित होते ही सदन में सीएम धामी को खूब बधाई मिली।

दिन भर चली चर्चा के दौरान बुधवार की सांय 5 बजे यूसीसी विधेयक पर अपनी बात कही। मेहरून कलर की पहाड़ी टोपी लगाए सीएम ने सदन में हुई सार्थक चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक पूरे देश को राह दिखायेगा। समान अधिकारों की रक्षा करेगी। सामाजिक ढांचे को मजबूत बनाएगा।

सीएम धामी ने अपने वक्तव्य में विधेयक के मुख्य बिंदु भी विस्तार से सदन के सम्मुख पेश किए। उन्होंने कहा कि यूसीसी कानून में जरूरी संशोधन भी किये जाएंगे। सीएम ने आंदोलन के शहीदों को याद करते हुए कहा कि जो संकल्प लिया था वो आज पूरा हुआ। यह ऐतिहासिक पल देवभूमि को मिला। और एक इतिहास रचा। इसके लिए जनता बधाई की हकदार है। सभी के सहयोग से समरस व आदर्श समाज का निर्माण किया जाएगा। कई लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा।

उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। सीएम ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने समान कानून नहीं बनाया। समाज को बांटा, छिन्न भिन्न किया। आजादी के बाद संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में यूसीसी के निर्माण को जगह दी गयी। सीएम धामी ने दल विशेष का उल्लेख न करते हुए कहा कि आजादी के बाद अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम न होकर तुष्टिकरण की नीति बनाई। उन्होंने कहा कि 2022 को कहा था कि नई सरकार का गठन होते ही समान नागरिक संहिता बनाएंगे। पांच सदस्यीय ड्राफ्ट कमेटी बनाई। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने मांणा गांव से संवाद शुरू किया।

सीएम ने कहा कि असमानता की खाई को दूर किया जाएगा। यूसीसी सभी को बराबरी का अधिकार देगा महिला वर्ग के साथ हुए भेदभाव को दूर किया जाएगा। एक घण्टे से अधिक अवधि के सम्बोधन में सीएम ने पीएम मोदी के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज रामयुग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट्स कमेटी ने 43 जनसंवाद के कार्यक्रम हुए। समिति 32 लाख 32 हजार 961 सुझाव मील। 10 प्रतिशत परिवारों ने अपने सुझाव दिए। कमेटी ने 2 फरवरी 2024 को सरकार को रिपोर्ट सौंपी।

सीएम के सदन में वक्तव्य के बाद विधेयक को बहुमत से पारित किया गया। इससे पूर्व, बुधवार की सुबह 11 बजे से सांय तक सदन में पक्ष-विपक्ष के कई विधायकों ने गम्भीर तर्क पेश किए। कई विधायकों की शेरो-शायरी से सदन का माहौल हल्का भी हुआ। बुधवार को विस कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने यूसीसी विधेयक की कमियां गिनाई। प्रीतम सिंह, बेहड़, भुवन कापड़ी समेत कई विधायकों ने यूसीसी विधेयक को संविधान की कई धाराओं के उल्लंघन बताया। और कहा कि विधेयक में कुछ भी नया है।

कई नियम पहले से ही अस्तित्व में हैं। कांग्रेस ने विधेयक की कमियां गिनाते हुए इसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग की। बुधवार को विधेयक पारित होने के बाद सदन में जय श्री राम व भारत माता की जय के नारे लगाए। मंगलवार से बुधवार तक यूसीसी पर चली चर्चा के दौरान स्पीकर ऋतु खंडूडी ने सभी विधायकों को बोलने का मौका भी दिया। और समय-समय पर टोका भी।

देखें,मुख्य बिंदु

शादी की उम्र

बहुत से धर्म ऐसे है जहां अभी भी 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी हो जाती है, सभी धर्मो की लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 18 और लड़कों के लिए 21 निर्धारित की गई है।

तलाक

समान नागरिक संहिता में पति-पत्नी के लिए तलाक के कारण और आधार एक समान कर दिए गए हैं, अब पति जिस आधार पर तलाक ले सकता है, उसी आधार पर पत्नी भी तलाक की मांग कर सकेगी।

वसीयत

समान नागरिक संहिता लागू होने से पूर्व मुस्लिम, ईसाई एवं पारसी समुदायों के लिए वसीयत के अलग-अलग नियम थे, जो अब सभी के लिए समान होंगे। कोई भी व्यक्ति अपनी पूरी संपत्ति की वसीयत कर सकता है।

उत्तराधिकार

अब लड़को के समान लड़कियों को उत्तराधिकार में बराबर अधिकार प्रदान किया गया है। संहिता में सम्पति को सम्पदा के रूप में परिभाषित करते हुए इसमें सभी तरह की चल-अचल, पैतृक सम्पत्ति को शामिल किया गया है।

अधिकार क्षेत्र

विवाह पंजीकरण

शादी के छह माह के भीतर अनिवार्य तौर पर सब रजिस्ट्रार के पास विवाह पंजीकरण कराना होगा, पंजीकरण नहीं कराने पर 25 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

बहु विवाह

पति या पत्नी के रहते दूसरी शादी यानि बहु विवाह पर सख्ती से रोक रहेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहुविवाह करने की छूट है लेकिन अन्य धमों में एक पति-एक पत्नी का नियम बहुत कड़ाई से लागू है।

लिव इन रिलेशनशिप

अब युवा वर्ग को लिव इन में रहने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, बता दें कि विवाहित पुरुष या महिला लिव इन में नहीं रह पाएंगे। इसके लिए जोड़ों को लिव इन में रहने की स्वघोषणा करनी पड़ेगी। लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को सम्पूर्ण अधिकार दिए गए हैं। राज्य का स्थायी निवासी, राज्य या केंद्र सरकार के स्थायी कर्मचारी, राज्य में संचालित सरकारी योजना के लाभार्थी पर लागू होगा। राज्य में न्यूनतम एक साल तक रहने वाले लोगों पर भी यह कानून लागू होगा।

RELATED ARTICLES

प्रेमचंद इस्तीफे के बाद भी भाजपा को बहुत ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं, क्या नया आंदोलन होगा शुरू?

अनिल चन्दोला देहरादून। पिछले कई समय से विवादों से घिरे प्रेमचंद अग्रवाल ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बजट सत्र में उनकी टिप्पणी...

स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की लखपति दीदी बनने की राह होगी आसान, महिलाओं को दी ट्रेनिंग

देहरादून। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की लखपति दीदी बनने की राहत आसान होगी। इसके लिए...

महिला दिवस पर विमर्श संवाद एवं सम्मान समारोह आयोजित, वक्ता बोले बेहतर समाज के लिए लिंगभेद मिटाना जरूरी

वरदान संस्था की ओर से आयोजित विमर्श संवाद एवं सम्मान समारोह में कई वक्ताओं ने रखी राय शुक्रवार को चकराता रोड स्थित इंस्टीट्यूट...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

खुशखबरीः दून के आदित्य ने रचा इतिहास, बिना कोचिंग पहले प्रयास में हासिल की देशभर में 654वीं रैंक

देहरादून। प्रतिष्ठित ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईई) मेंस में दून के आदित्य नारायण मीणा ने इतिहास रच दिया। आदित्य ने अपने पहले ही प्रयास में...

उत्तराखंड के नाम बड़ी उपलब्धिः ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रूट पर देश की सबसे लंबी रेल सुरंग हुई आर-पार

देहरादून। बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में उत्तराखंड के नाम पर बुधवार को एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक देश की...

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को देना होगा अचल संपत्ति का विवरण, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

देहरादून। प्रदेश में तैनात अखिल भारतीय सेवा के सभी अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा। मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति...

चारधाम यात्राः श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, अतिरिक्त पीजी डॉक्टरों की होगी तैनाती

देहरादून। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को इस वर्ष बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राज्य सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय...

Recent Comments