Sunday, June 15, 2025
Home हेल्थ पौष्टिक तत्वों से भरपूर यह फल छोटे बच्चों की सेहत को पहुंचा...

पौष्टिक तत्वों से भरपूर यह फल छोटे बच्चों की सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान

फल खाने से सेहत दुरुस्त रहती है. यह हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होती है. बच्चों को भी कम उम्र से ही हेल्दी चीजें जैसे फल खाने की आदत डलवानी चाहिए. हालांकि, कुछ फल बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं माने जाते हैं। इनमें चकोतरा भी शामिल है। चकोतरा सेहतमंद फल माना जाता है. हालांकि बच्चों को ये फल खिलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. वरना उन्हें नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं बच्चों को कब चकोतरा खिलाना चाहिए और कब नहीं…

बच्चों को चकोतरा खिलाना चाहिए या नहीं
बच्चों को 12 महीने की उम्र से पहले कभी भी खट्टे फल न खिलाने की सलाह दी जाती है. दरअसल, ये फल एसिडिक होते हैं। जिसकी वजह से बच्चे की स्किन पर दाने निकल सकते हैं. हालांकि, पीडियाट्रिशियन की सलाह पर 6 महीने के बाद बच्चों को चकोतरा खिला सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई बच्चा कैल्शियम एंटागोनिस्ट, सिसाप्राइड और सिक्लोस्पोरिन जैसी दवाईयां ले रहा है तो उन्हें चकोतरा नहीं देना चाहिए. क्योंकि चकोतरा खाने से दवा का असर और बायो अवेलिबिलिटी प्रभावित हो सकता है। अगर आपका शिशु कोई दवा ले रहा है तो बच्चों को चकोतरा या उससे बना कोई भी प्रोडक्ट्स खिलाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

चकोतरा कितना फायदेमंद
चकोतरा का गूदा विटामिन ए और सी के साथ पोटेशियम से भरपूर है। इसमें लाइकोपेनिया और नरिंगिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। इसलिए बच्चों के आहार को संतुलित बनाने के लिए उन्हें चकोतरा दे सकते हैं. चकोतरा में पानी और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स की हाई मात्रा छोटे बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचा सकता है। पानी और डायटरी फाइबर की वजह से यह फल बच्चों की आंत को एक्टिव रखने और पाचन में मददगार होता है. इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला फिनोल और फ्लेवेनोन जैसे कंपाउंड्स गट माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देने में काफई मददगार हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल से कम उम्र के बच्चों को फलों का रस देना ठीक नहीं होता है। उन्हें चकोतरा ही नहीं किसी भी फल का जूस नहीं देना चाहिए. जूस के मुकाबले फल ज्यादा अच्छे माने जाते हैं. जूस में शुगर की ज्यादा मात्रा होने से दांतों में कैविटी की आशंका रहती है। इसकी वजह से दस्त की समस्या भी हो सकती है. इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों को फलो का जूस नहीं देना चाहिए।

RELATED ARTICLES

अब एफडीए के राडार पर बोतलबंद पानी और कोल्ड ड्रिंक, प्रदेशभर में क्वालिटी चेक को चलेगा अभियान  

देहरादून। गर्मियां तेज होने के साथ ही बोतल बंद पानी और अन्य पैकेज्ड कोल्ड ड्रिंक की मांग भी बढ़ गई है। इसी का फायदा...

शुरू हुआ नवचयनित औषधि निरीक्षकों का प्रशिक्षण, गुणवत्तायुक्त औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर

देहरादून। उत्तराखंड राज्य में नवचयनित औषधि निरीक्षकों का व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन भवन में प्रशिक्षण की...

चारधाम यात्राः श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, अतिरिक्त पीजी डॉक्टरों की होगी तैनाती

देहरादून। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को इस वर्ष बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राज्य सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

भारतीय सेना को मिले 451 सैन्य अधिकारी, आईएमए से मित्र राष्ट्रों के 32 अफसर भी हुए पास आउट

देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy), देहरादून में शनिवार को 156वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन हुआ। श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट...

हरिद्वार को छोड़कर प्रदेश की अन्य सभी त्रिस्तरीय पंचायतें प्रशासकों के हवाले, पंचायती राज विभाग ने जारी की अधिसूचना

देहरादून। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश की अन्य सभी पंचायतों को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। तय समय बीतने के बावजूद चुनाव घोषित नहीं...

सीएम धामी ने थामा ट्रैक्टर का स्टेयरिंग, कहा, अन्नदाता भाइयों के परिश्रम को नमन करने का छोटा सा प्रयास

लिब्बरहेड़ी (हरिद्वार)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को एक नए रूप में दिखाई दिये। लिब्बरहेड़ी में आयोजित रोड शो में मुख्यमंत्री धामी ने ट्रैक्टर...

UTTARAKHAND CABINET DICISION: स्थानीय लोग और फर्म ही करेंगे 10 करोड़ तक के काम, छोटे कामों में एसएचजी व एमएसएमई को प्राथमिकता

देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कैबिनेट ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली, 2024...

Recent Comments