देहहरादून। प्रसिद्ध बाबा श्री विश्वनाथ – मां जगदीशिला की 26वीं डोली रथ यात्रा इस वर्ष सात मई से शुरू होगी। गंगा दशहरा पर्व के मौके पर पांच जून को यात्रा का समापन होगा। यात्रा की शुरूआत ढुंग बजियाल गांव से होगी और समापन श्री विश्वनाथ मंदिर विशोन पर्वत में होगा। 30 दिवसीय यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए गुजरेगी, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
प्रिंस चौक स्थित होटल सौरभ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने यात्रा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 26वीं डोली यात्रा आयोजित की जाएगी। यात्रा का उद्देश्य विश्व में शांति व खुशहाली की कामना, देव संस्कृति की रक्षा, उत्तराखंड के कम प्रसिद्ध तीर्थ व सिद्ध स्थलों का प्रचार-प्रसार, देववाणी संस्कृत का उन्नयन, ध्यान केंद्र स्थापित करना, पर्यावरण की रक्षा, बंजर खेतों व भूमि का सदुपयोग कर पलायन रोकना है। इस मौके पर कांग्रेस नेता वीरेंद्र पोखरियाल, ओमप्रकाश सती, मोहन खत्री, इंद्रभूषण बड़ोनी समेत अन्य मौजूद रहे।
यह रहेगा यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम
पहले दिन सात मई को यात्रा ढुंग बजियाल गांव से शुरू होगी और नेपाली फार्म पहुंचेगी। दूसरे दिन नेपाली फार्म से सूरत विहार कॉलोनी, गुमानीवाला ऋषिकेश, तीसरे दिन सूरत विहार कॉलोनी से नवादा, चौथे दिन नवादा से कुलड़ी, मसूरी, पांचवें दिन मसूरी से कुआंगांव पालीगाड़, जौनपुर, छठवें दिन पालीगाड़ से चम्बा, सातवें दिन चंबा से मां कालिंका मंदिर कोठी गांव, हिन्डोलाखाल, आठवें दिन कोठी गांव से पनाई गांव, चमोली, नवें दिन पनाई से जोशीमठ, दसवें दिन जोशीमठ से श्री कल्पेश्वर महादेव देवग्राम, 11वें दिन देवग्राम से महामृत्युंजल महादेव परखाल, 12वें दिन परखाल से बागनाथ मंदिर, बागेश्वर, 13वें दिन बागेश्वर से डीडीहाट, 14वें दिन डीडीहाट से तवाघाट हिमालयन सिद्धपीठ आश्रम, 15वें दिन तवाघाट से गुंजी गांव, 16वें दिन गुंजी से पिथौरागढ़, 17वें दिन पिथौरागढ़ से लोहाघाट, 18वें दिन लोहाघाट से डोल आश्रम, 19वें दिन डोल आश्रम से श्री सत्यनारायण मंदिर हल्द्वानी, 20वें दिन हल्द्वानी से मानीला देवी, 21वें दिन मानीला देवी से बंजा देवी रथुवाढ़ाब, 22वें दिन रथुवाढ़ाब से श्री ताड़केश्वर मंदिर, 23वें दिन श्री ताड़केश्वर मंदिर से पोखरी (पौड़ी), 24वें दिन पोखरी से जखोली, 25वें दिन जखोली से फेडेश्वर महादेव कोठियाड़ा, 26वें दिन कोठियाड़ा से गंगी गांव (भिलंग), 27वें दिन गंगी गांव से अखोड़ी, 28वें दिन अखोड़ी से सरपोली, 29वें दिन सरपोली से विशोन पर्वत और 30वें दिन विशोन पर्वत पर यज्ञ व पूजा-अर्चना के साथ समापन होगा।