Monday, April 21, 2025
Home आर्टिकल हल्द्वानी हिंसा का दोषी कौन?

हल्द्वानी हिंसा का दोषी कौन?

अजय दीक्षित
गत वृहस्पतिवार 8 फरवरी को तथाकथित एक अवैध मदरसे को तोडऩे के बाद जिस पैमाने पर हल्द्वानी में हिंसा हुई, वह बहुत चिंता का विषय है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बुलडोजर मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है । हल्द्वानी नैनीताल जिले का हिस्सा है । नैनीताल पहाड़ी इलाक़ा है, पर हल्द्वानी मैदानी इलाका है । सन् 1947 के भारत विभाजन के बाद बड़े पैमाने पर सिख यहां आकर बस गये । वहां उनके बहुत बड़े फॉर्म हैं । इन फार्मों में अब तो ज्यादातर काम मशीनों से होता है, पर कुछ समय पहले तक सब काम ‘मैन्युअल” था अर्थात, आदमी काम करते थे । हल्द्वानी में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा नहीं है । इनका यहां कोई पुस्तैनी धंधा भी नहीं है । जब पीतल के बर्तन इस्तेमाल होते थे, तो कुछ मुसलमान कलई करने का काम करते थे । यहां के कुछ मुसलमान चूड़ी पहनाने का काम करते थे । अब भी कुछ करते होंगे । हिन्दू स्त्रियां इन्हीं से चूड़ी पहनती थी । अच्छा भाईचारा था । बड़ी उम्र की हिन्दू महिलाओं को ये चूड़ीदार खाला कहकर आदर देते हैं । अन्य कम उम्र की हिन्दू महिलाओं के लिए ‘बहना’ या अन्य आदर सूचक शब्दों का प्रयोग करते थे या हैं । कम उम्र की लड़कियां जब इनसे चूड़ी पहनती हैं तो उन्हें ‘चाचा जान’ कहती थी । अब भी कहती होंगी।

लखनऊ या देहरादून में बैठे राजनैतिक आका (उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के चयनित मुख्यमंत्री व अन्य मंत्री गण) शायद इस भाईचारे को जानते नहीं । प्रशासनिक अधिकारियों की मजबूरी है कि उन्हें ऊपर से प्राप्त आदेश का पालन करना होता है । टी.वी.में दिखलाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इन दंगाइयों को गोली मारने के आदेश दिये हैं । हल्द्वानी उत्तराखण्ड में है । शायद वहां के मुख्यमंत्री ने भी ऐसा ही आदेश दे दिया होगा ।

असल में हल्द्वानी बरेली और मुरादाबाद से सटा हुआ है । अवैध निर्माण को तोडऩा है या हटाना पूरी तरह से जायज है । नैनीताल की महिला डीएम ने कहा है कि यह मदरसा कोर्ट के आदेश से तोड़ा गया है । अच्छा होता कि मुस्लिम नेताओं को विश्वास में लेकर यह कार्य भाई की जानी चाहिये थी। फिर बृहस्पतिवार का दिन ठीक नहीं था । शुक्रवार को जुम्मे की नमाज होती है यहां उस क्षेत्र के सभी इस्लाम धर्मी इक्कठा  होते हैं । यह आशंका बनी रहती है कि कुछ सिरफिरे आम मुसलमान को भडक़ा दें ।

आम आदमी (चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो) आज बेरोजगारी, महंगाई और कपट से जूझ रहा है । युवाओं को कोई रोजगार नहीं है । यूं भी मुस्लिम युवाओं का भविष्य अंधकार में है । जिस तरह से देश में आजकल रामराज्य की बात चल रही है, उससे अल्पसंख्यक भयभीत है । नारा है अभी तो अयोध्या है काशी और मथुरा बाकी है । हम चाहते हैं कि देश में भाईचारा बना रहे । अमन चैन रहे । अभी भी हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री पहल करें और सभी अल्पसंख्यक धर्मावलम्बी को विश्वास दिलाएं कि सरकारों की नजऱ में सभी बराबर हैं और यह देश हिन्दू राष्ट्र नहीं है । यह भारत का राष्ट्र है और हम सभी पहले भारतीय हैं । फिर किसी और धर्म सम्प्रदाय के अनुयायी । दैनिक अजय भारत की ओर से अजय दीक्षित प्रधान संपादक सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं ।

RELATED ARTICLES

आरक्षण का मुद्दा गरमाया

चुनाव प्रचार में इन दिनों आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रारंभिक तौर पर आरक्षण को सबसे निचले वर्गों की जातियों को आर्थिक तथा...

जंगलों में आग, तबाही के बाद ही होते हैं बचाव और सुरक्षा को लेकर सचेत

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की यह कोई पहली या नई घटना है। हर वर्ष गर्मी में कई जगहों पर आग लगने की...

सामाजिक-आर्थिक विकास का वाहक बन रहा मध्यम वर्ग

 -डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा माने या ना माने पर इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी देश के आर्थिक-सामाजिक विकास में मध्यम वर्ग की...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

धामी सरकार के प्रयास ला रहे रंग, प्रदेश के ढ़ाई सौ किसानों ने पांच महीनों में किया ढाई करोड़ का कारोबार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रयास प्रदेश में रंग लाने लगे हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के किसान अब लाखों...

खुशखबरीः दून के आदित्य ने रचा इतिहास, बिना कोचिंग पहले प्रयास में हासिल की देशभर में 654वीं रैंक

देहरादून। प्रतिष्ठित ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईई) मेंस में दून के आदित्य नारायण मीणा ने इतिहास रच दिया। आदित्य ने अपने पहले ही प्रयास में...

उत्तराखंड के नाम बड़ी उपलब्धिः ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रूट पर देश की सबसे लंबी रेल सुरंग हुई आर-पार

देहरादून। बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में उत्तराखंड के नाम पर बुधवार को एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक देश की...

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को देना होगा अचल संपत्ति का विवरण, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

देहरादून। प्रदेश में तैनात अखिल भारतीय सेवा के सभी अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा। मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति...

Recent Comments